बोली किसे कहते हैं | Boli Kise Kahate Hain

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बोली किसे कहते हैं | Boli Kise Kahate Hain

बोली किसे कहते हैं | Boli Kise Kahate Hain

Boli Kise Kahate Hain :- दोस्तों आज का हमारा लेख है, बोली किसे कहते हैं ? तो अगर आप बोली के बारे में सभी जानकारी प्राप्त करना चाहते है, तो इस लेख को ध्यान से पूरे अंत पढ़े।


बोली किसे कहते हैं ? | Boli Kise Kahate Hain 

बोली – एक खास रूप से किसी जगह में बोली जाने वाली भाषा का ही एक विशिष्ट रूप बोली कहलाता है। यानी, किसी छोटे से क्षेत्र या समुदाय में बोली जाने वाली भाषा को बोली कहा जाता है।

बोली का अंग्रेजी में ‘Dialect‘ शब्द का प्रयोग होता है, जिसमें यह भाषा मौखिक होती है और उसकी कोई लिपि नहीं होती।

आमतौर पर भाषा का क्षेत्रीय रूप को ही बोली कहा जाता है, क्योंकि बोलियाँ छोटे भू-भाग या अलग-अलग क्षेत्रों में सीमित होती हैं।

बोली में ही लोक गीत, लोकोक्तियाँ, लोक कथाओं, मुहावरे, आदि जैसे अभिनवता और सौंदर्य का अनुभव होता है। इससे उसका विशेष स्थान बनता है।

बोली के माध्यम से कई प्रकार के सौंदर्य का आनंद लिया जा सकता है, जो कि लिखित भाषा में नहीं मिलता।

मौखिक रूप में बोली का प्रचलन बहुत है और यह अलग-अलग स्थानों में थोड़ी दूरी पर भी बदलती रहती है। इसके मुख्य कारण भाषा के व्यापक क्षेत्र होते हैं।

भारत में, कई सारे अलग-अलग समुदाय रहते हैं, जिनकी स्थानीय बोली भी विभिन्न होती है। तकरीबन 20 किलोमीटर की दूरी पर भी बोली में बदलाव आता है।

इसलिए, भारत में स्थानीय बोली को ही बोली कहा जाता है, जो कि इस देश की सांस्कृतिक धरोहर का महत्वपूर्ण हिस्सा है।

Boli Kise Kahate Hain


बोली कितने प्रकार की होती है? ( How many types of Boli in Hindi )

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ऊपर हमने आप को बोली किसे कहते हैं ( Boli Kise Kahate Hain ) के बारे में बताया। चलिए अब जानते हैं, कि बोली कितने प्रकार की होती है।

क्षेत्र और जगहों के आधार पर हिन्दी बोलियाँ को कुछ निम्नलिखित प्रकार में विभाजित किया गया हैं, जिसको हमने नीचे में लिख रखा है और उस का उदाहरण भी दे रखा है।

  1. बोलीपूर्वी हिन्दी– अवधी, छत्तीसगढ़ी, बघेली, इत्यादि।
  2. पश्चिमी हिन्दी– ब्रजभाषा, हरियाणवी, बुंदेली, कन्नौजी, खड़ी बोली, इत्यादि।
  3. राजस्थानी हिंदी– जयपुरी, मेवाड़ी, जोधपुरी, हाड़ौती, मेवाती इत्यादि।
  4. पहाड़ी हिंदी– हिमाचली, कुमाऊँनी, गढ़वाली, मॅडियाली इत्यादि।
  5. बिहारी हिन्दी– मैथिली, अँगिका, मगही, भोजपुरी, वज्जिका इत्यादि।

1.पूर्वी हिन्दी बोली किसे कहते है ?

पूर्वी हिन्दी को बोली के प्रकार में रखा गया है । इस उप – भाषा में आमतौर पर तीन प्रमुख बोलियाँ बोली जाती हैं और यह तीनों बोलियाँ अलग अलग क्षेत्रों में बोली जाती है -अवधी, छत्तीसगढ़ी और बघेली।

दोस्तों अगर हम इसके फैलाओ के बारे में बात करे, तो  पूर्वी हिन्दी का क्षेत्र पूर्वी मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़ और झारखंड जैसे पश्चिमी क्षेत्र तक मुख्य रूप से फैला हुआ है और उन सभी जगहों का नाम हमने नीचे में लिख रखा है।

इस में कुछ छोटे बड़े शहर भी शामिल है, जैसे कि लखनऊ, रायबरेली, सीतापुर, उन्नाव, गोंडा, बाराबंकी, फैजाबाद, कानपुर, इलाहाबाद, जौनपुर, एवं मिर्जापुर के कुछ भाग, नेपाल की तराई के कुछ भाग, जबलपुर, छत्तीसगढ़ के रायपुर, मध्यप्रदेश के रीवाँ,  रामगढ़ तथा उदयपुर, नंदगाँव, एवं जयपुर के कुछ भाग तक पूर्वी हिन्दी फैला हुआ है।

2. पश्चिमी हिन्दी बोली किसे कहते हैं ?

पश्चिमी हिन्दी भी एक बोली का प्रकार है, जिसमें खड़ी बोली, ब्रजभाषा, बुंदेली, हरियाणवी, कन्नौजी, आदि अन्य प्रमुख बोलियाँ शामिल हैं। ये बोलियाँ दिल्ली, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, हरियाणा, और पंजाब के कुछ मुख्य भागों में बोली जाती हैं।

भौगोलिक रूप से पश्चिमी हिन्दी मध्य देश की राजस्थानी पहाड़ी, पंजाबी, पूर्वी हिन्दी और मराठी जैसी भाषाओं के बीच स्थित है। यह बोली इन सभी के संयुक्त रूप का प्रतिनिधित्व करती है।

‘खड़ी बोली’ नामक बोली मानक हिन्दी का विकसित रूप है, जो आमतौर पर राष्ट्रभाषा, राजभाषा, संचार भाषा और सांस्कृतिक भाषा के रूप में उपयोग होती है।

Boli Kise Kahate Hain इस उप-भाषा का क्षेत्र भारतीय इतिहास में ‘मध्य देश’ के रूप में महत्वपूर्ण रहा है, और इसलिए यहाँ की बोलियाँ देशभर में व्याप्त हैं।

3. राजस्थानी हिंदी किसे कहते हैं ?

राजस्थानी हिंदी भी बोली का ही एक प्रकार है, राजस्थानी हिंदी में मुख्य आठ तरह की बोलियाँ है, जिनका कुछ अन्य बोलियों में भी विभाजित किया जाता है।

भारत की जनगणना की तकरीबन 1991 वर्ष से ले कर के 2011वर्ष के अनुसार कुछ बोलियाँ है।

जिनको आधुनिक राजस्थानी भाषा के प्राथमिक वर्गीकरण कर के उनके अंतर्गत बाँटा गया है:- जैसे कि हाड़ौती बोली,  मेवाड़ी बोली,  शेखावाटी बोली, ढूँढाड़ी बोली, बागड़ी बोली,  वागड़ी बोली, मारवाड़ी बोली,  मेवाती बोली, Rtc.

लेकिन डॉ॰ ग्रियर्सन के हिसाब से राजस्थानी उप-भाषा की लगभग पाँच बोलियाँ होती हैं, जिनको हमने नीचे में लिखा है।

  1. उत्तर पूर्वी राजस्थानी ( मेवाती अहीरवाटी )
  2. पश्चिमी राजस्थानी ( मारवाड़ी )
  3. दक्षिण-पूर्वी राजस्थानी ( मालवी )
  4. मध्यपूर्वी ( या पूर्वी ) राजस्थानी ( ढूँढाड़ी हाड़ौती )
  5. दक्षिणी राजस्थानी ( निमाड़ी )

तो दोस्तों कुछ इस प्रकार से ही राजस्थानी हिंदी बोली है।

4 .पहाड़ी हिंदी किसे कहते हैं ?

ऊपर हमने आपको Boli Kise Kahate Hain के बारे में बताया। अब पहाड़ी हिन्दी के बारे में जानते है।

पहाड़ी हिन्दी भी बोली का ही एक प्रकार है, पहाड़ी हिन्दी उप भाषा में तकरीबन चार प्रमुख बोलियाँ होती हैं, और उन सभी का नाम है :- गढ़ वाली, हिमाचली, मॅडियाली, कुमाऊँनी, आदि।

हिमालय पर्वत जैसे श्रृंखलाओं के दक्षिणवर्ती भू भाग यानी, कि उस क्षेत्र में कश्मीर के पहले से ले कर के नेपाल तक यह पहाड़ी हिंदी भाषाएँ बोली जाती हैं।

आम तौर पर पहाड़ी पर्वतीय जगह में बोले जाने के वजह इस उप भाषा खंड को पहाड़ी हिंदी बोली कहा जाता है।

हिन्दी भाषा के संदर्भ में उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश,और उत्तरप्रदेश का उत्तर-पश्चिम की ओर आने वाला जगह आमतौर पर पहाड़ी क्षेत्र है।

पहाड़ी पर्वतीय क्षेत्र में बोले जाने के वजह से इस उप भाषा खंड को पहाड़ी कहा जाता है। हिन्दी भाषा के संदर्भ में हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और उत्तरप्रदेश का उत्तर-पश्चिम क्षेत्र पहाड़ी क्षेत्र है।

पहाड़ी हिमाचल प्रदेश में भद्र वाह के उत्तर-पश्चिम से लेकर नेपाल के पूर्वी भाग तक फैली हुई है।

इस के तीन प्रधान वर्ग हैं :- पश्चिमी पहाड़ी, मध्यवर्ती पहाड़ी और पूर्वी पहाड़ी तो कुछ इस प्रकार से पहाड़ी हिन्दी बोली है।

5 . बिहारी हिन्दी किसे कहते हैं ?

बिहारी हिन्दी भी बोली का ही एक प्रकार है, हिंदी की यह उप भाषा मुख्यतः बिहार राज्य में बोली जाती है।

हम आप के जानकारी के लिए बता दे, कि वास्तव में बिहारी अपने आप में कोई भाषा या बोली नहीं है। आमतौर पर यह केवल राजनीतिक भू खंड के नाम पर इस जगह की सभी बोलियों को बिहारी हिंदी बोली कहा जाता है।

इस उप भाषा वर्ग को बिहारी नाम देने को श्रेय ” जार्ज ग्रियर्सन ” को है, क्योंकि इन्होंने ही भाषाओं को विभाजित किया था।

इस का क्षेत्र खास रूप से वर्तमान झारखंड और बिहार राज्य है, परंतु इस की एक प्रसिद्ध बोली भी है, जिसका नाम है भोजपुरी और यह उत्तर प्रदेश के पूर्वी जिलों में भी बोली जाती है।

इस का भौगोलिक विस्तार नेपाल में उत्तर तरफ की सीमा के आस पास से ले कर के दक्षिण में छोटा नागपुर तक तथा पश्चिम में बस्ती जौनपुर, बनारस, और मिर्जापुर से लेकर के पूर्व में माल्दह और नागपुर तक है।

इसकी भी उप भाषा तकरीबन 5 तरह की होती है, जिसमे से कुछ बोलियाँ मगही, मैथिली, अँगिका, भोजपुरी, और वज्जिका हैं। तो दोस्तों कुछ इस प्रकार से बिहारी हिंदी बोली होती है।

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Conclusion, निष्कर्ष

Boli Kise Kahate Hain  – आपका लेख सराहनीय है और यह सवाल बहुत महत्वपूर्ण है। बोली वह भाषा होती है जो किसी विशेष क्षेत्र या समुदाय में बोली जाती है। यह भाषा उस स्थान की सांस्कृतिक और सामाजिक पहचान का हिस्सा होती है, जिसमें स्थानीय शब्द, व्याकरण, और वाणी का विशेष रूप होता है। बोली के माध्यम से लोग अपनी भावनाओं और विचारों को साझा करते हैं और अपनी सामाजिक और सांस्कृतिक पहचान को प्रकट करते हैं। इसलिए, बोली समाज में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है और उसकी महत्वता अद्वितीय है।

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