बोली किसे कहते हैं | Boli Kise Kahate Hain
1 min readBoli Kise Kahate Hain :- दोस्तों आज का हमारा लेख है, बोली किसे कहते हैं ? तो अगर आप बोली के बारे में सभी जानकारी प्राप्त करना चाहते है, तो इस लेख को ध्यान से पूरे अंत पढ़े।
बोली किसे कहते हैं ? | Boli Kise Kahate Hain
बोली – एक खास रूप से किसी जगह में बोली जाने वाली भाषा का ही एक विशिष्ट रूप बोली कहलाता है। यानी, किसी छोटे से क्षेत्र या समुदाय में बोली जाने वाली भाषा को बोली कहा जाता है।
बोली का अंग्रेजी में ‘Dialect‘ शब्द का प्रयोग होता है, जिसमें यह भाषा मौखिक होती है और उसकी कोई लिपि नहीं होती।
आमतौर पर भाषा का क्षेत्रीय रूप को ही बोली कहा जाता है, क्योंकि बोलियाँ छोटे भू-भाग या अलग-अलग क्षेत्रों में सीमित होती हैं।
बोली में ही लोक गीत, लोकोक्तियाँ, लोक कथाओं, मुहावरे, आदि जैसे अभिनवता और सौंदर्य का अनुभव होता है। इससे उसका विशेष स्थान बनता है।
बोली के माध्यम से कई प्रकार के सौंदर्य का आनंद लिया जा सकता है, जो कि लिखित भाषा में नहीं मिलता।
मौखिक रूप में बोली का प्रचलन बहुत है और यह अलग-अलग स्थानों में थोड़ी दूरी पर भी बदलती रहती है। इसके मुख्य कारण भाषा के व्यापक क्षेत्र होते हैं।
भारत में, कई सारे अलग-अलग समुदाय रहते हैं, जिनकी स्थानीय बोली भी विभिन्न होती है। तकरीबन 20 किलोमीटर की दूरी पर भी बोली में बदलाव आता है।
इसलिए, भारत में स्थानीय बोली को ही बोली कहा जाता है, जो कि इस देश की सांस्कृतिक धरोहर का महत्वपूर्ण हिस्सा है।
बोली कितने प्रकार की होती है? ( How many types of Boli in Hindi )
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ऊपर हमने आप को बोली किसे कहते हैं ( Boli Kise Kahate Hain ) के बारे में बताया। चलिए अब जानते हैं, कि बोली कितने प्रकार की होती है।
क्षेत्र और जगहों के आधार पर हिन्दी बोलियाँ को कुछ निम्नलिखित प्रकार में विभाजित किया गया हैं, जिसको हमने नीचे में लिख रखा है और उस का उदाहरण भी दे रखा है।
- बोलीपूर्वी हिन्दी– अवधी, छत्तीसगढ़ी, बघेली, इत्यादि।
- पश्चिमी हिन्दी– ब्रजभाषा, हरियाणवी, बुंदेली, कन्नौजी, खड़ी बोली, इत्यादि।
- राजस्थानी हिंदी– जयपुरी, मेवाड़ी, जोधपुरी, हाड़ौती, मेवाती इत्यादि।
- पहाड़ी हिंदी– हिमाचली, कुमाऊँनी, गढ़वाली, मॅडियाली इत्यादि।
- बिहारी हिन्दी– मैथिली, अँगिका, मगही, भोजपुरी, वज्जिका इत्यादि।
1.पूर्वी हिन्दी बोली किसे कहते है ?
पूर्वी हिन्दी को बोली के प्रकार में रखा गया है । इस उप – भाषा में आमतौर पर तीन प्रमुख बोलियाँ बोली जाती हैं और यह तीनों बोलियाँ अलग अलग क्षेत्रों में बोली जाती है -अवधी, छत्तीसगढ़ी और बघेली।
दोस्तों अगर हम इसके फैलाओ के बारे में बात करे, तो पूर्वी हिन्दी का क्षेत्र पूर्वी मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़ और झारखंड जैसे पश्चिमी क्षेत्र तक मुख्य रूप से फैला हुआ है और उन सभी जगहों का नाम हमने नीचे में लिख रखा है।
इस में कुछ छोटे बड़े शहर भी शामिल है, जैसे कि लखनऊ, रायबरेली, सीतापुर, उन्नाव, गोंडा, बाराबंकी, फैजाबाद, कानपुर, इलाहाबाद, जौनपुर, एवं मिर्जापुर के कुछ भाग, नेपाल की तराई के कुछ भाग, जबलपुर, छत्तीसगढ़ के रायपुर, मध्यप्रदेश के रीवाँ, रामगढ़ तथा उदयपुर, नंदगाँव, एवं जयपुर के कुछ भाग तक पूर्वी हिन्दी फैला हुआ है।